हस्तरेखा शास्त्र: हथेली में सरस्वती योग बनाता है ज्ञानी और धनवान, जानिए कहां होता है हाथ में सरस्वती योग
Hastrekha Shastra : हस्तरेखा शास्त्र : किसी भी मनुष्य की कुंडली में बनने वाले राज योगों को केवल कुंडली के माध्यम से ही नहीं बल्कि उसके हाथ में भी देखा जा सकता है। ऐसा ही एक योग है सरस्वती योग जो मनुष्य को ज्ञान के साथ आर्थिक रूप से भी संपन्न बनाता है। तो चलिए जानते हैं हाथ में कहा बनता है सरस्वती योग
क्या होता है सरस्वती योग (Kya Hota Hai Saraswati Yog)
जिस जातक की कुंडली में गुरु, बुध और शुक्र यदि एक साथ केंद्र, त्रिकोण और दूसरे भाव में ये तीनो ग्रह एक साथ बैठ जाएं तो सरस्वती योग का निर्माण होता है। ऐसा व्यक्ति ज्ञानी, बुद्धिमान और उच्च पद को प्राप्त करता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में गुरु या तो अपनी उच्च राशि में होने चाहिए, स्वंय की राशि में होने चाहिए। इसके अलावा यदि गुरु अपनी मित्र राशि में भी हैं तो भी इस योग का निर्माण होता है। लेकिन यदि गुरु अपनी नीच राशि,शत्रु राशि या फिर अशुभ ग्रहों से दृष्ट हों तो ऐसे जातक को सरस्वती योग का लाभ प्राप्त नहीं होता।
हाथ में कैसे बनता है सरस्वती योग (Hath Mai Kaise Banta Hai Saraswati Yog)
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में चंद्र पर्वत और गुरु पर्वत दोनो विकसित हो। इसी के साथ एक चंद्र पर्वत से एक रेखा गुरु पर्वत पर जाए और दूसरी रेखा गुरु पर्वत से चंद्र पर्वत की और जाए तो यह योग सरस्वती योग का निर्माण करता है। ऐसे योग में जन्मे बालक पर सरस्वती माता की कृपा हमेशा बनी रहती है। इन लोगों किसी न किसी कला में महारत हासिल जरूर होती है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा भी हमेशा बनी रहती है। इस प्रकार के लोग अपने ज्ञान के बल पर धन को अर्जित करते हैं।



