द्रोपदी के इस श्राप के कारण कुत्ते करते हैं खुले में सहवास, जानिए आप भी


यह कहानी महाभारत काल में बताई जाती हैं कि द्रोपदी के श्राप के कारण कुत्ते आपस में सहवास करते हैं। यह लोककथा बहुत ही प्रचलित हैं परंतु इसका प्रमाण किसी भी ग्रंथ में नहीं मिलता हैं।

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कहां जाता है जब अर्जुन विवाह करके द्रोपदी को घर लाए थे तो माता कुंती ने अपने किसी काम में व्यस्त होने की वजह से बिना देखे अनजाने में सभी भाइयों को यह आदेश दे दिया था कि सभी भाई मिलकर बराबर-बराबर उसका उपयोग करो। माता कुंती की बात का मान रखने के लिए सभी भाइयों ने द्रोपदी से विवाह किया था पांडवों में यह भी निर्धारित हुआ था कि द्रोपति प्रत्येक वर्ष एक ही पांडव के साथ अपना समय व्यतीत करेगी और जब द्रोपति किसी पांडव के साथ कक्ष में समय व्यतीत कर रही हो तो उनके कक्ष में किसी दूसरे का आना वर्जित था।

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जब भी कोई एक पांडव द्रौपदी के कक्ष में जाया करता था तो वह अपनी पादुकाएं द्वार पर उतार दिया करता था ताकि कोई दूसरा पांडव, पांडव की पादुकाएं देख कक्षा में प्रवेश ना करें। परंतु एक बार जब अर्जुन अपनी पादुका प्रवेश द्वार से बाहर उतार कर द्रौपदी संग प्रेम प्रसंग में लीन थे तभी वहां पर एक कुत्ता आया और खेल-खेल में उस कुत्ते ने उस पांडव की पादुकाएं उठा ली और पास के जंगल में उसके साथ खेलने लगा। उसी दौरान भीम अपने कक्ष की ओर प्रस्थान कर रहे थे उन्होंने देखा कि द्रौपदी के कक्ष के बाहर कोई पादुकाएं नहीं रखी है और वह द्रौपदी के कक्ष में प्रवेश कर गए।